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हमारे देश भारत में, सदियों से, समाज निर्माण में स्त्रियों की भूमिका अनुकरणीय रही है। शिक्षा, कृषि, चिकित्सा, अनुसंधान, अन्तरिक्ष, विज्ञान, साहित्य, कला, दर्शन, राजनीति, सामरिक आदि समाज के हर क्षेत्र में भारतीय नारियों ने अपना परचम लहराया है। भारत देश के अत्यन्त उर्वर प्रदेश-उत्तर प्रदेश के हरदोई जनपद के सदरपुर गाँव की रहने वाली कान्ति सिंह का जन्म 5 जुलाई 1967 को समीप के एक गाँव सहिजना में हुआ था। वह भारतीय शिक्षाविद्-राजनीतिज्ञ डाॅ0 एस.पी. सिंह, संस्थापक प्रबन्धक: लखनऊ पब्लिक स्कूल्स एण्ड काॅलेजेज़, की पत्नी हैं जो दो बार लखनऊ खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य रहे हैं। डाॅ0 एस.पी. सिंह के प्रेरक नेतृत्व के तहत, उन्होंने 2014 में लखनऊ खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद् के सदस्य पद के लिए चुनाव लड़ा और स्नातक वोटों के एक सराहनीय संख्या के साथ जीत हासिल की।
लखनऊ खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से उ0प्र0 विधान परिषद सदस्य कान्ति सिंह का अपने क्षेत्र को प्रगति की ओर ले जाने का सदैव प्रयास रहा है। वे स्वयं को एक राजनेता नहीं मानती, न ही वे इस बात का दावा करती हैं कि वे चमत्कारी ढंग से अपने क्षेत्र को सर्वश्रेष्ठ बना देंगी। वे ससीम होकर असीम की कल्पना नहीं करतीं। वे अपनी सामथ्र्य और सीमा के अनुसार जन कल्याण के लिए कार्य करती रहेंगी। क्षेत्र के लोगों से सार्थक संवाद स्थापित करते रहना उनकी प्राथमिकता है।
लखनऊ खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र जोकि लखीमपुर, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली एवं प्रतापगढ़ तक फैला हुआ है, इसके सभी गाँव, सभी कस्बे, ब्लाॅक और तहसील इसकी विविधता की निशानी हैं। कान्ति सिंह ने यह सदैव महसूस किया है कि समाज की प्रगति को समय के अनुसार मापने के कई तरीके होते हैं, मसलन क्षेत्र के लोगों का सहन-सहन कैसा है, शिक्षा का स्तर कैसा है, स्वास्थ्य का स्तर कैसा है और युवाओं की दशा और दिशा कैसी है। एक आदर्श विचारधारा यह है कि यदि क्षेत्र में प्रत्येक नागरिक उत्तम शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा को सम्यक रूप से प्राप्त कर रहा हो तो वह क्षेत्र उन्नत माना जायेगा।
चुनाव के मौसम में हर बार बहुत से लोग खडे़ हो जाते हैं, और खडे़ होते रहेंगें, यह प्रजातंत्र है। कान्ति सिंह ने हमेशा लखनऊ खण्ड स्नातक क्षेत्र के सम्मानित बुद्धिजीवियों के हित के लिए आवाज उठायी है। विधान परिषद सदस्य के रूप में कान्ति सिंह का कार्यकाल प्रशंसनीय एवं उत्साहजनक रहा है। क्षेत्र के सभी जनपदों को बराबर सम्मान दिया गया और बहुत से विकास कार्य कराये गये। हर जनपद में सोलर लाइट्स, हैण्डपम्प, सड़क आदि प्रमुखता से मुहैया करायी गयी। विधायक निधि का शत् प्रतिशत सदुपयोग किया गया। सरकारी स्कूलों में रिक्त शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के पदों को भरे जाने की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। स्नातकों को उचित बेरोजगारी भत्ता दिया जाय इसके लिए प्रयासरत् हैं।
सदन में शिक्षकों एवं कर्मचारियों की पुरानी पंेशन व्यवस्था लागू करवाने के लिए आवाज उठायी। शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को उचित वेतनमान व वित्त विहीन शिक्षकों को सरकार की ओर से उचित मानदेय दिलाना उनकी प्राथमिकता है। वित्त विहीन स्कूलों के शिक्षकों के लिए 200 करोड़ का बजट 2016 में पास कराया जिसके अन्तर्गत पूरे प्रदेश के वित्त विहीन शिक्षकों को 1000/- प्रति शिक्षक प्रतिमाह मानदेय दिया गया।
कई लोक महत्व के विषयों पर शासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए कार्यों को प्रमुखता से कराया। शिक्षित बेराजगारों के लिए सातों जनपदों में कॅरियर काॅउन्सिलिंग करायी। कई संस्थाओं को कॅरियर की जानकारी सम्बन्धी पुस्तक ‘सपने ओर रोजगार की राहें’ भेंट कीं। बताते चलें कि यह पुस्तक पूर्व एमएलसी डाॅ. एस.पी. सिंह ने लिखा है, जिसमें हजारों नौकरियों की जानकारी उपलब्ध करायी गयी हैं। इस पुस्तक के दूसरे संस्करण का विमोचन उत्तर प्रदेश की माननीया राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल ने 5 सितम्बर, 2019 को किया था। यह पुस्तक शिक्षित बेरोजगारों के लिए मील का पत्थर साबित हुई।
पहले बच्चे टाट-पट्टी पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करते थे, महिला कल्याण एवं बाल समिति के सदस्य बनने पर इस मामले को सदन में उठाकर बच्चों के लिए बेंच व टेबल का बिल पास कराया। प्रशासकीय एवं वित्त बिलम्ब समिति के अन्तर्गत शिक्षकों के रुके हुए पेंशन के मुद्दों को निस्तारित कराया और उनको विभिन्न सम्बन्धित मानदेय दिलाये। कान्ति सिंह के कार्यों की एक लम्बी सूची है। एक जनप्रतिनिधि के रूप में कान्ति ंिसंह ने लखनऊ खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की सीट का मान बढ़ाया है।
सामाजिक सरोकार: राष्ट्रीय स्तर पर
O राष्ट्र में जब भी कोई दैवीय आपदा आई तो अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए अपनी टीम के साथ पीड़ितों की मदद के लिए बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
O वर्ष 2001 में गुजरात भूकम्प पीड़ितों की मदद के लिए वस्त्र एवं खाद्य सामग्री से लदा हुआ एक ट्रक भिजवाया।
O वर्ष 2004 में सुनामी पीड़ितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में रूपये पाँच लाख सहायतार्थ भेंट किया।
O वर्ष 2008 में अररिया एवं मधेपुरा (बिहार) में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए भारी मात्रा में वस्त्र एवं रसद सामग्री भिजवायी।
O वर्ष 2013 में उत्तराखण्ड में आई दैवीय आपदा (बाढ़) पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में सहायतार्थ रूपये 21 लाख का चेक/ड्राफ्ट भेंट किया।
O वर्ष 2018 में केरला में आई दैवीय आपदा (बाढ़) पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में सहायतार्थ रूपये 45 लाख का चेक/ड्राफ्ट भेंट किया।
O वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के समय अपने पति डाॅ0 एस.पी. सिंह के साथ उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री राहत कोष में लखनऊ पब्लिक स्कूल्स एण्ड काॅलेजेज़ की ओर से सहायतार्थ रूपये 21 लाख का डिमान्ड ड्राफ्ट भेंट किया। चिकित्सक डाॅ0 अनिरुद्ध वर्मा के दिशा निर्देशन में इम्युनिटी बढ़ाने वाली होम्योपैथिक दवा का वितरण कराया। घर वापस लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को नहाने और कपड़ा धोने का साबुन वितरित कराया। पुलिसकर्मी योद्धाओं को वाटर बाटल, मास्क और सैनिटाइज़र वितरित किया। जरूरतमंदों के भोजन की व्यवस्था की।
सामाजिक सरोकार: प्रादेशिक स्तर पर
O पुलवामा (जम्मू कश्मीर) के आतंकवादी हमले में शहीद हुए उन्नाव, उत्तर प्रदेश के वीर जवान अजीत कुमार आजाद के परिवार को रूपये दो लाख की नकद राशि सहायतार्थ भेंट की।
O बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ एवं महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम के तहज जागरूकता जागृत की तथा गणतंत्र दिवस परेड में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ शीर्षक नामक झाँकी जिसे राज्यपाल महोदय द्वारा प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया के द्वारा समाज के उत्थान में कदम बढ़ाया।
O दूर-दराज के गाँवों एवं झोपड़पट्टी में रहने वाले निचले तबके के लोगों की सहायता हेतु कम्बल, गरम कपड़े तथा सरकारी विद्यालयों के गरीब छात्र-छात्राओं को मुफ्त स्वेटर आदि वितरित करते रहते हैं।
O रक्तदान शिविर तथा नेत्र चिकित्सा शिविरों का नियमित आयोजन ।
O गरीब परिवारों की बेटियों का दहेज रहित विवाह समारोह का आयोजन।
O स्वच्छता अभियान के तहत लोगों में नहाने व कपड़ा धोने के साबुन का वितरण।
O शिक्षित बेरोजगार एवं जरूरतमंदों के स्वरोजगार एवं प्लेसमेंट हेतु प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय जाॅब फेस्ट का आयोजन ।
पर्यावरण सुरक्षा हेतु विशेष जागरूकता अभियान:
O हजारों विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ पर्यावरण सुरक्षा हेतु वृक्षारोपण का सघन कार्यक्रम चलाया। 50 हजार से अधिक पौधों का रोपण लखनऊ एवं उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कराया।
O जल संरक्षण हेतु अनेकों जागरूकता अभियान एवं सेव वाटर रैलियों का आयोजन करते रहते हैं।
O ‘से नो टू पाॅलीथीन’ पाॅलीथीन मुक्त प्रदेश हेतु जागरूकता रैलियों का आयोजन करते रहते हैं।
O विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं आमजन में राष्ट्रीय भावना का संचार करने हेतु गणतंत्र दिवस परेड में झाँकियों के माध्यम से राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी एवं राष्ट्रप्रेम जगाया। इन झाँकियों को उत्तर प्रदेश के माननीय राज्यपाल द्वारा प्रत्येक वर्ष प्रथम व द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2017 में प्रस्तुत झाँकी पर्यावरण बचाओ को प्रथम पुरस्कार मिला।
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